नारायणपुर : 20 मई 2025
कभी नक्सल प्रभावित और दुर्गम इलाकों के नाम से पहचाने जाने वाले अबूझमाड़ में अब विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। नारायणपुर जिले से नागपुर और मुंबई तक चकाचक हाईवे का निर्माण कार्य जोरों पर है, जिससे इस क्षेत्र की तस्वीर बदलने लगी है।नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार के अनुसार, “करीब एक महीने पहले नेलांगुर कैंप की स्थापना की गई थी। पिछले 8 महीनों में हमने बारहमासी सड़कें बनाई हैं, जिससे हमारा दायरा 20 किलोमीटर से बढ़कर 65 किलोमीटर तक हो गया है। यह विस्तार 3.5 गुना है।” उन्होंने बताया कि इन नई सड़कों की वजह से अब पांच नई पंचायतों तक पहुंच संभव हो सकी है, साथ ही कई दुर्गम स्थान भी अब सुगमता से जोड़े जा सके हैं।
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अबूझमाड़, जो कभी घने जंगलों, ऊंचे पहाड़ों और नक्सली खतरों के लिए बदनाम था, अब विकास की मुख्यधारा में तेजी से शामिल हो रहा है। प्रशासन ने इतने भीतर तक अपनी पहुंच बना ली है कि वरिष्ठ नक्सली भी अब आत्मसमर्पण कर रहे हैं। प्रभात कुमार का कहना है कि “नक्सली अब सरकार की योजनाओं और विकास कार्यों को देखकर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।” राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के कार्य ने इस विकास को और गति दी है। अगले साल तक नारायणपुर से होते हुए नेलांगुर, गढ़चिरौली, नागपुर और अंततः मुंबई तक सड़कें जुड़ जाएंगी, जिससे इस इलाके की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में अभूतपूर्व बदलाव आने की उम्मीद है।
अबूझमाड़, जिसे कभी देश के सबसे अलग-थलग और खतरनाक क्षेत्रों में गिना जाता था, अब बदलाव की मिसाल बनता जा रहा है। यह विकास न सिर्फ सड़क के नक्शे पर बल्कि लोगों की सोच में भी नई राह बना रहा है।
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