मेकाहारा बना माफियाओं का अड्डा, इलाज से ज्यादा जद्दोजहद में उलझे मरीज और परिजन…

रायपुर : 27 मई 2025

राजधानी रायपुर स्थित प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल “मेकाहारा” (अंबेडकर अस्पताल) इन दिनों स्वास्थ्य सेवाओं से ज्यादा अपने बिगड़े हालात और माफिया राज को लेकर सुर्खियों में है। इलाज के लिए आने वाले मरीज और उनके परिजन जहां एक ओर बीमारियों से लड़ रहे होते हैं, वहीं दूसरी ओर अस्पताल परिसर में सक्रिय माफिया गिरोहों से भी जद्दोजहद करनी पड़ती है।

गेट से शुरू होती है परेशानी

मेकाहारा में प्रवेश करते ही असुरक्षा का अहसास होने लगता है। मुख्य गेट के पास ही साइकिल स्टैंड की आड़ में नशेड़ी, सूखा नशा बेचने वाले और अपराधी तत्वों की भीड़ लगी रहती है। यहां मरीजों और उनके परिजनों से ज्यादा शहर के बदनाम असामाजिक तत्वों की आवाजाही बनी रहती है।

यह भी पढ़े :बलरामपुर: अवैध रेत पर बड़ी कार्रवाई, 355 ट्रिप रेत जब्त…

पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान पनपे भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण मेकाहारा में चार माफिया गिरोह गहराई से जड़ें जमा चुके हैं, जो अब भी बेखौफ अपनी मनमानी चला रहे हैं। अस्पताल का पूरा संचालन मानो इन्हीं चार माफिया गिरोहों के बनाए कानूनों के तहत हो रहा है:

  1. पार्किंग माफिया – मरीज को छोड़ने या लेने आए परिजनों को जबरन शुल्क वसूली, मारपीट और बदसलूकी झेलनी पड़ती है। कोई विरोध करता है तो धमकी दी जाती है।
  2. मेंटेनेंस माफिया – अस्पताल की साफ-सफाई, उपकरणों की मरम्मत जैसी व्यवस्थाएं इस माफिया की मनमर्जी पर निर्भर हैं। खराब शौचालय, गंदगी और बदहाल इंफ्रास्ट्रक्चर इसकी बानगी हैं।
  3. कैंटीन माफिया – मरीजों को दिया जाने वाला भोजन न तो ताजा होता है, न ही पोषणयुक्त। घटिया क्वालिटी, कम मात्रा और बदसूरत परोसने का तरीका इस माफिया की पहचान बन चुकी है।
  4. दवाई माफिया – अस्पताल में मुफ्त मिलने वाली दवाइयां ‘स्टॉक खत्म है’ कहकर काउंटर से नदारद रहती हैं। मरीजों को मजबूरन बाहर के मेडिकल स्टोर्स से महंगी दवाइयां खरीदनी पड़ती हैं।

प्रशासन की चुप्पी, सिस्टम की बंदरबांट

अस्पताल प्रशासन इन तमाम अनियमितताओं पर आंखें मूंदे हुए है। सूत्रों की मानें तो इन माफियाओं के पीछे पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में कार्यरत एजेंट और दलाल अब भी सक्रिय हैं। मेकाहारा में आज भी कांग्रेस शासनकाल के कथित ‘गुर्गे’ तैनात हैं, जो इस भ्रष्ट सिस्टम को बनाए रखने में लगे हैं।

चौकी नहीं, थाना जरूरी

हर दिन अस्पताल में किसी न किसी विवाद या झगड़े की खबर आती है। सुरक्षा की दृष्टि से एक साधारण पुलिस चौकी पर्याप्त नहीं है। स्थानीय लोगों की मांग है कि मेकाहारा में पूर्ण थाना की स्थापना हो ताकि अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था सख्त हो और मरीजों को राहत मिले।

ख़बरें और भी… https://whatsapp.com/channel/0029VaSGTZ1Lo4hYCjY45G2q दिए गए लिंक पर क्लिक हमसे जुड़ें और अपने आस पास की ख़ास ख़बरों के प्रकाशन के लिए 99934-54909 पर संपर्क कर सकतें है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *