बिलासपुर : 30 मई 2025
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने दुर्ग जिले के कौड़ीकसा गांव में आर्सेनिक युक्त पानी के सेवन से फैल रही बीमारियों के मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए गंभीर रुख अपनाया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम शर्मा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर गांव की स्थिति की वस्तुनिष्ठ जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
सुनवाई के दौरान लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग के सचिव की ओर से शपथपत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें बताया गया कि कौड़ीकसा गांव में लगभग 20 वर्ष पहले ही जल शुद्धिकरण हेतु फिल्टर प्लांट लगाया गया था। इसके माध्यम से ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग के अनुसार, वर्तमान में गांव में आर्सेनिक की समस्या नहीं है और यदि बीमारियों के मामले सामने आ रहे हैं, तो वे पुराने कारणों से हो सकते हैं।
कोर्ट ने इस दावे की सत्यता की पुष्टि के लिए स्वतंत्र जांच जरूरी समझते हुए कोर्ट कमिश्नर विक्रम शर्मा को गांव जाकर वहां की वर्तमान स्थिति का प्रत्यक्ष निरीक्षण करने और तथ्यों के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि कौड़ीकसा गांव में वर्षों से आर्सेनिक युक्त पानी पीने के चलते कई ग्रामीण गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस विषय पर मीडिया में भी कई बार रिपोर्ट प्रकाशित हो चुकी हैं, जिसके बाद यह मामला न्यायालय की नजर में आया। कोर्ट के इस हस्तक्षेप से अब यह उम्मीद की जा रही है कि ग्रामीणों की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर वास्तविकता सामने आएगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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