रायपुर: 12 जून 2025
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने रायपुर के सर्किट हाउस में आयोजित एक अहम प्रेसवार्ता में केंद्र की मोदी सरकार के 11 वर्षों की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए राज्य की प्रमुख चुनौतियों और विकास की संभावनाओं पर भी विस्तार से बात की। इस दौरान उन्होंने नक्सलवाद, पर्यटन, औद्योगिक नीति और कार्य संस्कृति जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर मीडिया से संवाद किया।
नक्सलवाद पर बड़ा बयान: छत्तीसगढ़ में 77% नक्सली सक्रिय
मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि देश के कुल नक्सलियों में से लगभग 77% छत्तीसगढ़ में सक्रिय हैं। शेष 23% नक्सली ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में फैले हुए हैं। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने नक्सलवाद के समूल नाश के लिए 31 मार्च 2026 की डेडलाइन तय की है, और छत्तीसगढ़ इस लड़ाई का सबसे बड़ा मैदान बना हुआ है।
“नक्सलवाद खत्म करने का बीड़ा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उठाया है। हम राज्य से इसे पूरी तरह खत्म कर पर्यटन और विकास के द्वार खोलेंगे,” – विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद समाप्त होने के बाद बस्तर और सरगुजा जैसे क्षेत्रों को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विविधता को “छत्तीसगढ़ का स्वर्ग” बताते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने चित्रकोट और तीरथगढ़ जलप्रपात, कुटुमसर गुफा जैसे प्रमुख स्थलों का उल्लेख करते हुए बताया कि बस्तर का धूड़मारास गांव अंतरराष्ट्रीय पर्यटन संस्था द्वारा चयनित होमस्टे गांव बन चुका है। विदेशी पर्यटक इस गांव में महीनों तक रहकर स्थानीय संस्कृति, खानपान और रहन-सहन को अनुभव करते हैं।
“यह छत्तीसगढ़ के लिए गौरव की बात है कि बस्तर का गांव अंतरराष्ट्रीय पहचान बना रहा है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और संस्कृति को वैश्विक मंच मिलेगा।”
पर्यटन को मिलेगा उद्योग का दर्जा
सरकार ने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में पर्यटन को भी शामिल किया है। इससे पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलेगा और इस क्षेत्र में निवेश, बुनियादी ढांचे और रोजगार के अवसरों में तेजी आएगी।
5 वर्किंग डे पर फिर विचार संभव
प्रेसवार्ता में छत्तीसगढ़ में सप्ताह में 5 कार्यदिवस की व्यवस्था पर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह व्यवस्था कर्मचारियों को अपेक्षित नहीं लग रही। उन्होंने मीडिया का आभार जताते हुए कहा कि “कुछ अधिकारी-कर्मचारी खुद कह रहे हैं कि दो दिन की छुट्टी में समय काटना मुश्किल हो रहा है।” “आप लोगों ने चिंता जताई है, इस पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी।”
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