रायपुर, 12 जून 2025
राजधानी रायपुर के गंज थाना क्षेत्र अंतर्गत रेलवे स्टेशन के पास सत्कार गली में बुधवार रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक रिहायशी इमारत में संचालित केमिकल गोदाम में भीषण आग लग गई। गोदाम के अंदर रखे ज्वलनशील लेबोरेट्री केमिकल्स के डिब्बों में लगातार धमाके होते रहे, जिससे आग ने और भयावह रूप ले लिया।
बताया जा रहा है कि आग इतनी तेजी से फैली कि गोदाम में रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। यहां तक कि गोदाम के अंदर खड़ा एक मालवाहक ऑटो भी पूरी तरह जल गया। आग की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और दमकल विभाग को सूचित किया।
सूचना मिलते ही मौके पर फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियां पहुंचीं और करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग की गंभीरता को देखते हुए SDRF की टीम को भी मौके पर बुलाना पड़ा। टीम ने बुलडोजर की मदद से दीवारें तोड़ी और सीढ़ी लगाकर इमारत के अंदर जाकर आग बुझाई।
जिस इमारत में आग लगी, वह एक घनी आबादी वाले रिहायशी क्षेत्र में स्थित है। घटना के बाद सामने आया कि लंबे समय से यहां पर केमिकल का अवैध भंडारण और निर्माण कार्य किया जा रहा था। इसके आसपास कई होटल और लॉज स्थित हैं, जहां ठहरे हुए लोगों को भी तत्काल बाहर निकाला गया। अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई थी। एहतियातन इलाके की बिजली भी लंबे समय तक बंद रखी गई।
गोदाम के मालिक संदीप वर्मा ने बताया कि उनकी कंपनी “लक्ष्मी केमिकल” लेबोरेट्री से संबंधित ज्वलनशील उत्पादों का कारोबार करती है। उन्होंने कहा कि उरला में उनका बड़ा गोदाम है, जबकि स्टेशन रोड के पास यह छोटा गोदाम है। आग किस वजह से लगी, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। उन्होंने बताया कि जैसे ही उन्हें आग की सूचना मिली, वे तत्काल मौके पर पहुंचे।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रात करीब 9 बजे घर के अंदर से अचानक धुआं निकलता दिखा और फिर कुछ ही मिनटों में तेज लपटें उठने लगीं। पहले लोगों को लगा कि सामान्य आग लगी है, लेकिन जब अंदर से केमिकल डिब्बों के धमाकों की आवाज आई तो स्थिति की गंभीरता समझ आई। तत्काल होटल और लॉज खाली कराए गए।
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन हरकत में आ गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रिहायशी क्षेत्र में इस तरह का गोदाम संचालित किया जाना नियमों के खिलाफ है और इसकी गहन जांच की जाएगी। यह भी जांच का विषय होगा कि गोदाम में किस तरह के केमिकल रखे गए थे, और क्या उनके लिए कोई वैध अनुमति ली गई थी।
इसके अलावा, गोदाम में अग्नि सुरक्षा (फायर सेफ्टी) के क्या इंतजाम थे, इसे लेकर भी जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि जिस इमारत में आग लगी, उसके बगल में भी एक और केमिकल गोदाम संचालित हो रहा था, जो चिंता का विषय है।
फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है और किसी जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन और आम नागरिकों को झकझोर कर रख दिया है। रिहायशी इलाकों में इस तरह के ज्वलनशील पदार्थों का भंडारण और निर्माण न केवल गैरकानूनी है, बल्कि हजारों लोगों की जान को जोखिम में डालता है।
प्रशासन अब यह सुनिश्चित करने में जुट गया है कि इस तरह के अवैध गोदामों की पहचान कर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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