खुदकुशी करना चाहते थे सिंगर कैलाश खेर. नदी में कूदे, फिर घर से भागकर साधु-संतों के साथ रहे;बोले- CG में शूट करूंगा गाना

रायपुर: 25 अप्रैल 2023

आज का यूथ छोटी-छोटी बातों पर दिल छोटा कर लेता है। मगर कुछ करने के हौसले की आग में हुनर को तपाया जाए तो जिंदगी में सुनहरी चमक आती है। बॉलीवुड सिंगर कैलाश खेर की कहानी कुछ यही सिखाती है।सोमवार को कैलाश खेर रायपुर के चंदखुरी में माता कौशल्या महोत्सव के समापन कार्यक्रम में परफॉर्म करने पहुंचे थे। दैनिक भास्कर से चर्चा में उन्होंने अपनी लाइफ का इंस्पायरिंग मोमेंट बताया। पढ़िए पद्मश्री कलाकार कैलाश खेर के शब्दों में।जब घट गई घटना…
कैलाश खेर बोले- घटते घटते घट गई घटना… चले दिल्ली को पहुंच गए पटना। कभी-कभी जीवन में वो नहीं होता जो हम सोचते हैं। परंतु जो दाता चाहता है। सदा वही होकर रहता है। भक्तों के प्रभु दुख हरने को सबके घर जाता है। वो खुद सब ठीक करते हैं। मेरे साथ भी ऐसा हुआ।

ट्यूशन पढ़ाए, कपड़ों के एक्सपोर्ट के बिजनेस में काम किया…
कैलाश खेर जीवन के मुश्किल वक्त को याद करते हुए बोले- हमने कई तरह की जॉब की है। ट्यूशन पढ़ाए, कपड़ों के एक्सपोर्ट के बिजनेस में काम किया। वॉल हैंगिंग, कपड़े और हस्तशिल्प को हम देश और बाद में विदेशों में भी भेजने लगे। जर्मनी में भी प्रोडक्ट मैंने भेजे। तब हमारी उम्र 22 साल की थी। लगा कि, अब तो मैं बन गया तुर्रम खां। अब अचानक क्या हुआ सुनिए… कश्तियां लाख नजदीक साहिल के सही, फिर खुदा कोई चाल चल जाएगा, क्या करोगे अगर दिल मचल जाएगा…।

और जब गंगा में कूदे…
कैलाश खेर बोले- मुझे लगा कि हम कामयाब हो गए। अब हम सब कुछ बदलकर रख देंगे। लेकिन उसी वक्त एक बड़ा ऑर्डर कैंसल हो गया। अब हम पर काफी कर्जा हो गया। मन बहुत उदास हो गया। शुरू हुए नहीं कि पसर गए उदासी छाई, साधुओं के बीच रहने हम ऋषिकेष चले गए। वहां गंगा जी में खुद को समाप्त करने के लिए हम कूद गए।

लेकिन, ईश्वर ने क्या किया देखिए, चले खूब तुरुप की चाल लगा के रंगों का तांता, रचना के रचनाकार का खेला समझ नहीं आता…। ऊपर वाले का खेला इतना निराला हुआ कि हमको फिर से जन्म मिला। आज आपका कैलाश खेर पद्मश्री कैलाश खेर है। ये सभी के प्यार और प्रार्थना से हुआ है। बहुत सी प्रार्थनाओं की ऊर्जा की वजह से मुझे सम्मान मिला। हमारे गानों में रोमांस के साथ परामात्मा भी हैं। मेहनत की और खुद को साबित करके दिखाया। यही युवाओं को करना है।

छत्तीसगढ़ में शूट करेंगे गाना…
प्रदेश सरकार के कार्यक्रम में पहुंचे कैलाश खेर ने प्रदेश के अधिकारियों से राज्य की नई फिल्म नीति पर बात की। कैलाश खेर ने कहा, यहां की सरकार नई फिल्म पॉलिसी लेकर आई है, हम जल्द ही यहां पर शूटिंग की योजना बना रहे हैं। कोशिश होगी कि हम अपना अगला गाना, अगला एल्बम प्रदेश के खूबसूरत लोकेशन में शूट करें। ये भगवान राम की धरती है। मुझे इस छत्तीसगढ़ से बेहद प्यार है यहां के लिए तो कहा जाता है न कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया।

जिन्होंने रिजेक्ट किया वो अब मेरे गानों का ट्रेंड देखते हैं…
जब मैं अपने गाने म्यूजिक कंपनीज को सुनाता था, तो उस जमाने में बीड़ी जलई ले और कांटा लगा… चल रहा था। तो मेरे गानों में परमात्मा, ओ री सखी मंगल गाओ, ऐसी बातें कौन सुनता। मेरे गाने रिजेक्ट हुए। म्यूजिक कंपनी वाले कहते थे, दैट्स नॉट वर्किंग। अब आज देखिए वही गाने चल रहे हैं, परमात्मा के लिए गाए गीतों पर रील्स बन रहे हैं, ये गानें ट्रेंड पर हैं।

घर से भागकर रहे थे साधु-संतों के साथ…
कैलाश खेर ने लगभग 800 से ज्यादा गानों में अपनी आवाज दी है। उनके गानों में भारतीय लोकगीत और सूफी संगीत की झलक है। वे लगभग 10 साल में विश्वभर में करीब 1000 म्यूजिक कॉन्सर्ट में परफॉर्म कर चुके हैं। कैलाश खेर ने 12 साल की उम्र में संगीत के प्रशिक्षण के लिए गुरू की तलाश में घर छोड़ दिया था। घर छोड़ने के बाद वह ऋषिकेश आकर बस गए और गंगा तट पर साधु संतों के साथ मिलकर भजन मंडली में हिस्सा लिया करते थे।

भूपेश बघेल और कैलाश खेर ने इमली लाटा का चखा स्वाद
माता कौशल्या महोत्सव के समापन कार्यक्रम में शामिल होने चंदखुरी पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिला सशक्तिकरण प्रदर्शनी में भी गए। उन्होंने गायक कैलाश खेर के साथ विशिष्ट छत्तीसगढ़ी इमली लाटा और व्यंजनों का स्वाद भी लिया। मुख्यमंत्री ने इमली लाटा के स्वाद की प्रशंसा करते हुए कहा, बहुत अच्छा टेस्ट है। बचपन की दिनों की याद आ गई। CM ने कैलाश खेर को बताया, हमारे यहां इमली लाटा, बेर के पाउडर से बनी रोटी और गटागट विशेष लोकप्रिय हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *