पत्थलगांव: 01 जून 2023
पत्थलगांव:-पत्थलगांव के थाने में बाहर से आने वाले लोगों की मुसाफिरी दर्ज नहीं की जा रही है। यही वजह है कि पत्थलगांव में चोरी के साथ अनेको वारदातें लगातार बढ़ती जा रही है। वारदात को अंजाम देने के बाद ये लोग फरार हो जाते हैं, इसके बाद उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस काे हाथ-पांव मारना पड़ता है। क्योंकि पुलिस के पास उनका कोई रिकार्ड नहीं रहता है। पत्थलगांव के कई थाने ऐसे हैं जहां जनवरी से लेकर अब तक केवल गिनती के ही मुसाफिरी दर्ज की गई है। जबकि बाहरी लोगों की पत्थलगांव में आमद लगातार बनी हुई है। वहीं पत्थलगांव के SDOP हरीश पाटिल ने बताया कि किराएदारो का सत्यापन एवं बाहर से आये लोगो का मुसाफिरी दर्ज करने का कार्य जारी है,हिदायत के बाद भी मकान मालिक किरायेदारो की सूची देने से गुरेज कर रहे है,बहुत जल्द इन मामलों में प्रशासन सख्त कारवाई करेगी।
सभी थानेदारों को सख्त हिदायत दी गई है कि बाहरी लोगों को बिना मुसाफिरी दर्ज किए थाना क्षेत्र में रहने न दिया जाए। इसके अलावा जिनकी मुसाफिरी दर्ज की जा रही है उसकी सतत निगरानी की जाए। यदि बाहरी लोग पत्थलगांव में आकर रह रहे हैं और उनकी मुसाफिरी दर्ज नहीं हो रही है तो यह गंभीर मामला है,
वहीं पत्थलगांव के युवाओं ने पुलिस को चेतावनी देते हुवे कहा है कि अगर जल्द इन बाहरी लोगों का मुसाफिरी दर्ज कर इनके आने जाने के समय सीमा तय नहीं किये गए तो पत्थलगांव के युवक पत्थलगांव पुलिस के विरुद्ध लम्बन्ध होने पर मजबूर होंगे।
आपको बता दें कि, पत्थलगांव में बड़ी संख्या में बाहरी लोग छोटे-छोटे व्यवसाय करने के बहाने आकर रह रहे हैं। सैलून खोल कर सोने-चांदी के कंगन साफ करने, जड़ी-बूटी बेचने, राशि वाला नग बेचने का धंधा करने वाले लोग वर्तमान में पत्थलगांव शहर सहित ग्रामो में निवास कर रहे हैं। ऐसे लोग किराए का मकान लेकर या फिर खुले स्थानों में तंबू लगाकर रहते हैं। इस बीच वे दुकानों और मकानों का रेकी करते हैं इसके बाद चोरी की वारदात को अंजाम देकर अपना बोरिया बिस्तर समेट कर फरार हो जाते हैं। इसके बाद ऐसे लोगों को पकड़ना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। जशपुर जिले के सभी थानों में पिछले 6 माह में गिनती की मुसाफिरी दर्ज हुआ है,पत्थलगांव के सर्व समाज के लोगों ने पुलिस को अनेको बार इस बात पर चेताया है कि बाहरी लोगों का मुसाफिरी दर्ज करें एवं इस डाटा को सार्वजनिक करें, इसके बाद भी पत्थलगांव के थाना में मुसाफिरी कम ही दर्ज की गई है। ऐसा नहीं है कि थाने में मुसाफिरी दर्ज कराने के लिए मुसाफिर नहीं पहुंच रहे हो। मुसाफिरी दर्ज नहीं करने के पीछे यहां की पुलिस का अपना अलग ही तर्क है।