आंसरशीट की जांच शुरू,10वीं के विज्ञान में 2, 12वीं के अंग्रेजी, रसायन और संस्कृत में इस बार 1-1 अंक बोनस मिलेगा…

स्वतंत्र छत्तीसगढ़ :

भिलाई :

माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं बोर्ड कक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हो गया है। इस बार 10वीं के विज्ञान और 12वीं के रसायन, अंग्रेजी और संस्कृत के पर्चे में त्रुटि मिली है। इसकी वजह से 10वीं के विज्ञान में 2 और 12वीं के अंग्रेजी, रसायन और संस्कृत में 1-1 अंक बोनस दिया जाएगा। पिछले साल के मुकाबले इस ‎बार कम गलतियां हुई हैं। पिछली परीक्षा में भी त्रुटियां हुई थीं। इसके लिए विभिन्न विषयों में विद्यार्थियों को कुल 8 अंक बोनस में दिया गया था। यह अंक नतीजे घोषित होने के पहले ही परीक्षार्थियों की अंकसूची में जोड़ दिए जाते हैं। शेष|पेज 7इसी वजह से प्रावीण्य सूची प्रभावित नहीं होती।

गलती होने के हैं कई कारण
प्रश्न पत्रों में त्रुटि होने के कई कारण होते हैं। इनमें पहला है कि पेपर सेटर ने पेपर बनाते समय गलती की हो और मॉडरेटर भी उस गलती को नहीं पकड़ पाया हो। दूसरी वजह है कि पेपर प्रिंट करने वाली फर्म से टाइपिंग मिस्टेक या प्रिंटिंग मिस्टेक हुआ हो। मंडल के अफसरों के मुताबिक पेपर का‎ एक पूरा फार्मेट पहले से तय होता है।

चार-पांच या अधिक सेट तैयार किए जाते हैं। इनमें से‎ किसी एक सेट का चयन कर प्रिंटिंग के‎ लिए भेजा जाता है। गोपनीयता बनाए रखने के लिए पेपर को कोई देख नहीं सकता न ही यह किसी कंप्यूटर पर टाइप ‎किया जाता है। यह सीधे परीक्षा वाले दिन परीक्षार्थियों को देने के पहले ही खुलता है। ‎

पर्चा होने के बाद विषय विशेषज्ञ करते हैं जांच

पर्चा होने के बाद विषय विशेषज्ञ पेपर की जांच करते हैं। परीक्षा केंद्रों से फीडबैक लिया जाता है। इसमें कोई त्रुटि सामने आने पर बोनस अंकों का निर्धारण होता है और परीक्षार्थियों को बोनस अंक दिए जाते हैं। उदाहरण स्वरूप वैकल्पिक सवाल में सभी विकल्प गलत हों या तार्किक रूप सवाल सही ना हो, तो ऐसे प्रश्नों पर बोनस अंक दिए जाते हैं।

पेपर प्रिंट करने वाली फर्म पेपर की लिखित कॉपी मंडल को सीलबंद लिफाफे में सौंपती है। नतीजे घोषित होने के बाद देखा जाता है कि पेपर सेटर ने गलती की है या फिर प्रिंट करने वाली फर्म ने। इसके आधार पर उन पर जुर्माने की कार्रवाई की जाती है। ‎

सभी को समान रूप से मिलने से मेरिट पर असर नहीं
परीक्षा के बाद विषय विशेषज्ञों ने विषयवार पर्चों का मूल्यांकन किया। इसमें 10वीं और 12वीं के कुछ विषयों के सवालों में त्रुटियां पाई गई। उसके लिए बोनस अंक निर्धारित किए गए हैं। बोनस अंक से पारदर्शिता बनी रहती है। सभी को बराबर अंक देने की वजह से प्रावीण्य सूची पर कोई असर नहीं पड़ता, नहीं किसी छात्र को अधिक लाभ या अधिक हानि होती है। ‎

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