बीजापुर: 1 मई 2025 (स्वतंत्र छत्तीसगढ़)
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने माओवादी गतिविधियों के गढ़ माने जाने वाले कोरागुट्टा पहाड़ियों पर नौ दिनों तक चले संयुक्त अभियान के बाद बड़ी सफलता हासिल की है। सुरक्षा बलों ने माओवादियों को इलाके से खदेड़ते हुए 5000 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराया, जिसे प्रतीकात्मक रूप से ‘नक्सलवाद पर विजय’ माना जा रहा है।
यह क्षेत्र कुख्यात माओवादी कमांडर हिडमा, देवा, दामोदर, आज़ाद, और सुजाता का प्रमुख ठिकाना था। माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर 1 लंबे समय से इस पहाड़ी पर डेरा डाले हुए थी। लेकिन डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड, स्पेशल टास्क फोर्स, और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन ने मिलकर इस अभियान को अंजाम दिया और पहाड़ी क्षेत्र को माओवादियों से मुक्त करा लिया।
हालांकि, माओवादी नेता सुरक्षा बलों की घेराबंदी के दौरान तेलंगाना की ओर भागने में सफल हो गए। इसके बावजूद अधिकारियों ने इसे एक रणनीतिक जीत बताया है, जिससे माओवादियों की ताकत और मनोबल दोनों को गहरा झटका लगा है। इस कार्रवाई के बाद CPI (माओवादी) की केंद्रीय समिति ने 25 अप्रैल को एक बयान जारी कर संघर्षविराम और शांति वार्ता की अपील की है। माओवादियों की ओर से यह पहली बार है जब उन्होंने खुलकर वार्ता का संकेत दिया है, जिसे विशेषज्ञ सुरक्षा बलों के दबाव का परिणाम मान रहे हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने बताया कि अब इस इलाके में स्थायी सुरक्षा शिविर और फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) स्थापित किए जाएंगे, जिससे माओवादियों की वापसी की किसी भी कोशिश को रोका जा सके। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों को बधाई देते हुए कहा, “यह जीत सिर्फ एक क्षेत्र की नहीं, बल्कि पूरे राज्य की नक्सल मुक्त भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।”
यह अभियान आने वाले समय में माओवादी हिंसा को नियंत्रित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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