बृजमोहन होना आसान नहीं: संघर्षों की भट्टी में तपकर बना अपराजेय योद्धा…


1 मई जन्मदिवस विशेष रिपोर्ट:

रायपुर: 02 मई 2025 (भूषण)
राजनीति में कई चेहरे आते हैं, चमकते हैं और गुम हो जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो अपनी सादगी, संघर्ष और सेवा से जनता के दिलों में अमिट छाप छोड़ जाते हैं। बृजमोहन अग्रवाल उन्हीं दुर्लभ राजनेताओं में से एक हैं। 1 मई को जन्मे इस जननेता ने न केवल मजदूर दिवस की भावना को आत्मसात किया है, बल्कि जनता के लिए दिन-रात मेहनत करके इसे चरितार्थ भी किया है।

बृजमोहन अग्रवाल का चार दशक लंबा राजनीतिक सफर न सिर्फ प्रेरक है, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में मील का पत्थर भी है। 1990 से लगातार आठ बार विधायक चुने जाना, वह भी राजधानी रायपुर जैसे राजनीतिक गढ़ से, अपने आप में एक इतिहास है। छात्र राजनीति से शुरुआत कर कांग्रेस के दिग्गजों के गढ़ में सेंध लगाना और फिर उसे भाजपा के भगवा ध्वज तले लाना, उनके करिश्माई नेतृत्व की मिसाल है।

आज वे रायपुर के सांसद के रूप में जनता की सेवा कर रहे हैं। संसद में राष्ट्रीय और प्रदेश हितों की आवाज बुलंद करने वाले बृजमोहन अग्रवाल की छवि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर जनसेवक की बन चुकी है।

विकास की सोच, जनता के लिए समर्पण
छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण से लेकर उसके विकास में अग्रवाल जी का योगदान अविस्मरणीय है। कृषि, जल संसाधन, शिक्षा, वन, लोक निर्माण जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी संभालते हुए उन्होंने राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया। राजिम कुंभ की पहचान, विश्व का सबसे ऊँचा जैतखाम, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम से लेकर रायपुर में नए कैनल रोड का निर्माण—यह सब उनकी विकासशील सोच का परिणाम हैं।

जनता से सीधा जुड़ाव
बृजमोहन अग्रवाल हमेशा कहते हैं, “जनता ही मेरी ताकत है, जनता ही मेरी ऊर्जा है।” यही सीधा जुड़ाव उन्हें जनता का प्रिय नेता बनाता है। हर परिस्थिति में खुद को ढालने और हर जिम्मेदारी को निभाने की उनकी कला ने उन्हें राजनीति का वह योद्धा बना दिया है, जिसकी मिसाल दी जाती है।
बृजमोहन अग्रवाल होना वाकई आसान नहीं है। यह तपस्या, सेवा और सतत संघर्ष का परिणाम है। उनके जन्मदिवस पर छत्तीसगढ़ उन्हें नमन करता है और उनके दीर्घायु एवं निरंतर जनसेवा की कामना करता है।

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