श्री बालाजी विद्या मंदिर में मुख्य अतिथि डीआरएम श्री दयानंद की गरिमामयी उपस्थिति, भरतनाट्यम की प्रस्तुति रही आकर्षण का केंद्र
रायपुर: 06 मई 2025 (भूषण )
आंध्रा एसोसिएशन, रायपुर द्वारा संचालित श्री बालाजी विद्या मंदिर, सेक्टर-2, देवेंद्र नगर में संस्था की 52वीं वर्षगांठ अत्यंत धूमधाम और गरिमामयी वातावरण में मनाई गई। कार्यक्रम में रायपुर रेल मंडल के डीआरएम श्री दयानंद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विद्यालय के संगीत शिक्षक श्री रजत दत्ता द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने माहौल को आध्यात्मिक रंग प्रदान किया। कार्यक्रम की शुरुआत में संस्था के उपाध्यक्ष-1 श्री टी. श्रीनिवास रेड्डी ने स्वागत भाषण दिया और आंध्रा एसोसिएशन की 52 वर्षों की यात्रा को संक्षेप में प्रस्तुत किया।

मुख्य अतिथि श्री दयानंद ने अपने संबोधन में कहा कि श्री बालाजी विद्या मंदिर में शिक्षा का स्तर उच्च कोटि का है। उन्होंने बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी भाग लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “समग्र विकास के लिए शिक्षा के साथ अन्य कलाओं का विकास भी आवश्यक है। जो छात्र पढ़ाई में आगे नहीं बढ़ पाते, उन्हें अपनी अन्य प्रतिभाओं को पहचानकर आगे बढ़ना चाहिए।” उन्होंने यह भी साझा किया कि उनके पिताजी भी एक विद्यालय के संस्थापक थे, जिससे उन्हें शिक्षा क्षेत्र की महत्ता को समझने का अवसर मिला।
संस्था के अध्यक्ष श्री जी. स्वामी ने मुख्य अतिथि को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर तेलुगू ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष श्री आर. मुरली एवं तेलुगू वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष श्री टी. गोपी ने संस्था को शुभकामनाएं दीं और इसके निरंतर विकास की कामना की।

कार्यक्रम में नाट्य शिरोमणि डॉ. एम. वरा लक्ष्मी की नृत्य अकादमी की छात्राओं — लावण्या अटवाल, जयश्री सोनी, मेघा रेड्डी और यशवी राज — ने भरतनाट्यम की अत्यंत मनोहारी प्रस्तुति दी, जिसने उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस आयोजन में संस्था के पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्य, महिला विंग की सदस्याएं, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं तथा बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित थे।
कार्यक्रम के समापन पर संस्था के अध्यक्ष ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए संस्थापक सदस्यों — स्व. जे. शेषुराव, स्व. एस.आर. मूर्ति, रमनैय्या जी और जी. जनार्दन राव को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनके अथक परिश्रम और समर्पण की बदौलत ही संस्था आज इस मुकाम पर पहुँची है। आंध्रा एसोसिएशन रायपुर की यह 52वीं वर्षगांठ न केवल शिक्षा बल्कि सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बनकर उभरी है, जो आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
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