बलरामपुर: 07 मई 2025 (संवाददाता )
बलरामपुर तहसील क्षेत्र के अलखडिहा गांव में जमीन धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें चार लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। पीड़ित ग्रामीण बोलो सिंह की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। बोलो सिंह ने कोतवाली थाने में दर्ज कराई गई लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि तहसील क्षेत्र के खसरा नंबर 132 की भूमि को आरोपी शशिकांत तिवारी व अन्य लोगों ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए छलपूर्वक रजिस्ट्री करवा कर हड़प लिया। पीड़ित के अनुसार, निजी स्वामित्व वाली महज 5 डिसमिल जमीन की जगह 32 डिसमिल भूमि की धोखे से रजिस्ट्री करवा ली गई, जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ।
कोतवाली पुलिस द्वारा की गई जांच में सामने आया कि आरोपी शशिकांत तिवारी (निवासी अम्बिकापुर), सुनील सिंह (निवासी ग्राम जतरो), अरविंद किंडो (निवासी जतरो), और दीपक शर्मा (निवासी सेमली) ने मिलकर एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग करते हुए यह धोखाधड़ी की।
एडिशनल एसपी विश्व दीपक त्रिपाठी ने जानकारी दी कि जांच के दौरान कई फर्जी दस्तावेज पाए गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं—धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2), 62, 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है।
चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले में आगे की जांच जारी रखने की बात कही है और यह भी संकेत दिया है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
यह मामला न केवल ग्रामीणों के भूमि अधिकारों की सुरक्षा से जुड़ा है, बल्कि क्षेत्र में सक्रिय जालसाजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता को भी उजागर करता है। पुलिस प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे जमीन खरीद-बिक्री के मामलों में पूर्ण सतर्कता बरतें और दस्तावेजों की गहराई से जांच करें।
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