रायपुर: 14 मई 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय विद्यालयों की शिक्षा गुणवत्ता में व्यापक सुधार के लिए “मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय, महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस अभियान को मंजूरी दी गई। यह पहल प्रदेश में शिक्षा के ढांचे और परिणामों को नई दिशा देगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “शिक्षा जीवन निर्माण की प्रक्रिया है। हमारी सरकार का संकल्प है कि राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा मिले।” उन्होंने इसे भविष्य निर्माण की नींव बताते हुए शिक्षा सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्य बताया।
प्रमुख बिंदु:
विद्यालयों की ग्रेडिंग की जाएगी, जिसमें शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया, विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ, आधारभूत सुविधाएँ और शिक्षक उपस्थिति को मानदंड बनाया जाएगा।
कमजोर स्कूलों की पहचान कर, उनके शिक्षकों को मॉडल स्कूलों के शैक्षणिक भ्रमण का अवसर मिलेगा ताकि वे श्रेष्ठ शैक्षणिक व्यवहार सीख सकें।
पालक-शिक्षक बैठक (PTM) को औपचारिकता के बजाय संवाद और सहभागिता का माध्यम बनाया जाएगा, जिससे बच्चों की प्रगति पर संयुक्त कार्य हो सके।
कक्षा शिक्षण में सुधार, शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण विधियों, टेक्नोलॉजी और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सामाजिक अंकेक्षण और सामुदायिक निगरानी सुनिश्चित की जाएगी, जिसमें शिक्षा विभाग के साथ अन्य विभागों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यह केवल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज का दायित्व है। इस अभियान के जरिए न केवल लाखों विद्यार्थियों का भविष्य संवरने की उम्मीद है, बल्कि छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में यह बड़ा कदम है।
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