आयुष्मान आरोग्य मंदिर की CHO आरती यादव की आत्महत्या: संविदा शोषण और मानसिक उत्पीड़न बनी मौत की वजह, प्रदेशभर में आक्रोश…

खैरागढ़, छुईखदान, गंडई: 16 मई 2025
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जंगलपुर के स्वास्थ्य उपकेंद्र में पदस्थ सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) श्रीमती आरती यादव ने आत्महत्या कर ली। यह दिल दहला देने वाली घटना छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य प्रणाली के भीतर व्याप्त शोषण और संवेदनहीनता को उजागर करती है। आरती यादव हाल ही में पति की दुर्घटना में मृत्यु के बाद से मानसिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर संघर्ष कर रही थीं। एक साल की मासूम संतान की जिम्मेदारी और अकेले रहकर स्वास्थ्य केंद्र का संचालन करना उनके लिए भारी पड़ गया। उन्होंने छुट्टी की मांग की थी, जिसे अधिकारियों द्वारा नकार दिया गया। इसके साथ ही उन्हें मानसिक उत्पीड़न, आर्थिक प्रताड़ना और कार्यभार के असहनीय दबाव का सामना करना पड़ रहा था।

स्वास्थ्य केंद्र में अकेले काम कर रही आरती पर चार कर्मचारियों का कार्यभार डाल दिया गया था। हाल ही में जारी TOR (Terms of Reference) में असमान कार्यदायित्व और वेतन कटौती की चेतावनी ने उनकी उम्मीदों को और तोड़ दिया। आर्थिक संकट गहराता गया—एक महीने का वेतन, तीन माह का प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन और केंद्र के लिए फंड सब रोक दिए गए थे।

संवेदनहीन अफसरशाही का यह रवैया कोई पहला मामला नहीं है। यह छत्तीसगढ़ में महिला सीएचओ की आत्महत्या का 26वां मामला है। बीते तीन वर्षों में पांच सीएचओ इसी तरह कार्यदबाव और उत्पीड़न के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।

इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ राज्य एनएचएम कर्मचारी संघ और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ ने संयुक्त रूप से तीव्र प्रतिक्रिया दी है। संघ ने इस घटना को “व्यवस्था की विफलता” करार दिया है और मांग की है कि:

  • सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का नियमितीकरण किया जाए,
  • स्थानांतरण की पारदर्शी नीति बनाई जाए,
  • संविदा शोषण पर रोक लगे,
  • मानसिक स्वास्थ्य सहायता की व्यवस्था की जाए,
  • महिला कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

संघ ने बताया कि महिला बाल विकास मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री को इस संबंध में बीते वर्ष पत्र भी लिखा था, परंतु अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, ना ही ध्यान दिया गया |

प्रांताध्यक्ष श्री प्रफुल्ल कुमार ने कहा: “प्रदेश के 3500 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी आक्रोश में हैं। यदि शासन ने जल्द संज्ञान नहीं लिया तो संघ प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन करेगा।”

अब सवाल उठता है कि आखिर कब शासन जागेगा? कब संविदा में कार्यरत कर्मचारियों को इंसाफ मिलेगा? एक साल के मासूम से माता-पिता दोनों का साया छिन गया। क्या ऐसे ही संवेदनहीनता के साथ स्वास्थ्य सेवाएँ चलाई जाएंगी?

इस खबर से जुड़ी मुख्य बातें:

  • आरती यादव: जंगलपुर की सीएचओ, एक साल की संतान की माँ
  • पति की मौत के बाद छुट्टी की अर्जी खारिज
  • मानसिक, आर्थिक, प्रशासनिक दबाव में आत्महत्या
  • बीते 3 सालों में 5 सीएचओ ने दी जान, यह 26वां मामला
  • संघ की चेतावनी: जल्द कार्यवाही न हुई तो प्रदेशव्यापी आंदोलन

यह सिर्फ एक आत्महत्या नहीं, एक व्यवस्था की हार है। अब वक्त है कि शासन जागे, और संविदा कर्मियों को इंसाफ मिले।

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