रायगढ़ : 22 मई 2025
रायगढ़ पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए दो शातिर आरोपियों को झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई रायगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल के निर्देशन में की गई, जिसमें पुलिस ने ठगी के एक बड़े मामले का सफलतापूर्वक खुलासा किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित व्यापारी गौरीशंकर बेरीवाल (उम्र 77 वर्ष), निवासी दानीपारा, रायगढ़ का मोबाइल फोन 30 अक्टूबर 2024 को संजय कॉम्प्लेक्स के पास चोरी हो गया था। उन्होंने तत्काल अपने सिम को ब्लॉक करवा दिया था। इसके बावजूद उन्हें 28 मार्च 2025 को अपने बैंक से यह जानकारी मिली कि उनके खाते से 30 अक्टूबर से 16 नवंबर के बीच कुल 17 लाख 16 हजार 552 रुपये की ऑनलाइन निकासी की गई है। इस पर उन्होंने कोतवाली थाना रायगढ़ में शिकायत दर्ज कराई है |
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पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपराध क्रमांक 140/2025 धारा 318(4) बीएनएस के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर जांच शुरू की। साइबर सेल ने तकनीकी विश्लेषण के जरिए ट्रांजैक्शन में प्रयुक्त आईपी एड्रेस, मोबाइल लोकेशन और सिम एक्टिविटी को ट्रेस किया। जांच में सामने आया कि पीड़ित का मोबाइल फोन झारखंड के साहेबगंज जिले में सक्रिय है। इस सूचना के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम को झारखंड रवाना किया। स्थानीय पुलिस की सहायता से साहेबगंज जिले के अंबाडीह सकरी बाजार, थाना तलझारी से दो आरोपियों – मुकेश चौधरी (25 वर्ष, पिता शिव बालक चौधरी) और सुरेश चौधरी (27 वर्ष, पिता स्व. गजाली चौधरी) को हिरासत में लिया गया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल फोन, तकनीकी उपकरण और नेट एक्सेस के लिए प्रयुक्त संसाधनों को जब्त किया। पूछताछ में पता चला कि आरोपी नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल कर ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। उन्होंने पीड़ित के मोबाइल से लिंक यूपीआई एप का पासवर्ड हैक कर बड़ी रकम अपने खातों में ट्रांसफर कर ली थी। फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों के आपराधिक इतिहास की विस्तृत जांच कर रही है। पुलिस अधीक्षक दिव्यांग कुमार पटेल, सीएसपी आकाश शुक्ला और डीएसपी (साइबर सेल) अनिल विश्वकर्मा के निर्देशन में यह कार्रवाई की गई, जिसमें थाना प्रभारी सुखनंदन पटेल, उप निरीक्षक संजय नाग, एएसआई गौतम ठाकुर, आरक्षक मुरली मनोहर पटेल, नरेश गजभिए और साइबर सेल के प्रताप बेहरा, रविंद्र गुप्ता तथा प्रशांत पंडा की अहम भूमिका रही।
पुलिस का मानना है कि यह साइबर ठगी का एक बड़ा नेटवर्क हो सकता है, जिसकी कड़ियों को जोड़ने के लिए जांच को और तेज कर दिया गया है। रायगढ़ पुलिस की इस सफलता को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है और नागरिकों को साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
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