महासमुंद जिले में धान खरीदी में बड़ा घोटाला उजागर, राइस मिल से 6 हजार कट्टा गायब, करोड़ों की गड़बड़ी…

महासमुंद: 01 जून 2025

महासमुंद। जिले में समर्थन मूल्य पर की जा रही धान खरीदी के बाद धान के उठाव और भंडारण में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं। ताजा मामला पिथौरा स्थित कृष्णा राइस मिल का है, जहां से 6,000 से अधिक सरकारी धान के कट्टे गायब पाए गए हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब खाद्य विभाग और विपणन विभाग की संयुक्त टीम रुटीन जांच पर वहां पहुंची।

जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव ने बताया कि जांच के दौरान राइस मिल में 6,000 से अधिक धान के कट्टे नहीं मिले। पूछताछ के बावजूद राइस मिल संचालक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका। इस पर मिलर्स को कारण बताओ (शोकॉज) नोटिस जारी किया गया है। जांच अधिकारियों द्वारा पंचनामा तैयार कर मामला जिला कलेक्टर विनय लंगेह को सौंप दिया गया है।

अमरकोट उपार्जन केंद्र में 1.65 करोड़ की गड़बड़ी

इससे भी बड़ा मामला अमरकोट स्थित धान उपार्जन केंद्र से जुड़ा है, जहां भौतिक सत्यापन में 11,416 बोरी यानी करीब 5348.68 क्विंटल धान कम पाया गया। प्रति क्विंटल 3100 रुपये की दर से इसकी कीमत करीब 1 करोड़ 65 लाख 80 हजार रुपये आंकी गई है। इस मामले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर ने तत्काल प्रभाव से तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

जांच टीम को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर समय रहते आवश्यक कार्रवाई नहीं हुई तो इसे पर्यवेक्षण में लापरवाही माना जाएगा, और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

मंडी में भी धान उठाव में अनियमितता

पिथौरा मंडी सचिव के अनुसार किसन अग्रवाल नामक व्यापारी ने अपना धान 15 दिन के लिए मंडी में मौखिक रूप से रखा था, लेकिन डेढ़ माह बीतने के बाद भी उठाव नहीं किया गया। अब मंडी अधिनियम के तहत उनसे भंडारण शुल्क वसूला जाएगा।

जिले में व्यापक पैमाने पर उठाव में ढिलाई

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष जिले में 1,62,288 किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था, जिनमें से 1,53,270 किसानों ने धान बेचा। कुल 1 करोड़ 10 लाख 42 हजार 732 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। इसके बावजूद जांच में सरायपाली क्षेत्र की समितियों में 40,000 क्विंटल धान कम पाया गया। साथ ही अब तक जिले में लगभग 1 लाख क्विंटल धान का उठाव नहीं हो पाया है, जिससे अनियमितता की आशंका और गहरा गई है।

अधिकारियों का दावा: तेजी से उठाव जारी

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अधिकारियों का कहना है कि धान के उठाव की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है और सभी संबंधित विभागों को चौकन्ना रहने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, कलेक्टर विनय लंगेह के निर्देश पर आगे भी सभी उपार्जन केंद्रों और मिलों की गहन जांच की जाएगी।

महासमुंद जिले में सरकारी धान की खरीदी और भंडारण प्रक्रिया में गड़बड़ियों ने सरकारी तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। करोड़ों रुपये के धान के गायब होने और उठाव में लापरवाही से न केवल शासन को आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि किसानों के हित भी प्रभावित हो सकते हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पूरे मामले में कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है और दोषियों को कब तक न्याय के कटघरे में लाया जाता है।

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