बरगद, पीपल नीम जैसे औषधीय पौधों को वरीयता दी जाएगी। वहीं सरकार के इस वृहद पौधारोपण पर समाजवादी पार्टी ने हमला बोल दिया है। सपा ने कहा कि पौधे लगाने में भी घोटाला किया जा रहा है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक बार फिर बड़े स्तर पर पौधारोपण करने जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इस बार एक दिन में 35 करोड़ पौधे लगाकर योगी सरकार अपना ही पिछला रेकॉर्ड तोड़ेगी। योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 175 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। फिलहाल पौधारोपण को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। अभी डेट डिसाइड नहीं हुई है लेकिन जुलाई महीने में इस महाअभियान को चलाया जा सकता है।
दरअसल देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के चलते यूपी में हरीतिमा बढ़ाने व इससे होने वाले अन्य दूरगामी लाभों को लेकर योगी सरकार अपने पहले कार्यकाल से ही ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने पर जोर दे रही है। अब तक 100 करोड़ से अधिक पौधारोपण हो चुका है। इसका नतीजा है कि स्टेट ऑफ फारेस्ट की रिपोर्ट 2021 के अनुसार यूपी में बीते 8 साल में वनावरण का क्षेत्र 8.82 से बढ़कर 9.23 फीसद हुआ है, योगी सरकार 2030 तक इस रकबे को 15 फीसदी करना चाहती है। वहीं योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में 175 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। इसको लेकर हर साल 35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
पौधे लगाने में भी घोटाला किया जा रहा- सपा प्रवक्ता
वहीं इस वृहद स्तर के पौधारोपण पर समाजवादी पार्टी ने हमला बोल दिया है सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि पौधे लगाने में भी घोटाला किया जा रहा है सरकार को पर्यावरण से कोई प्यार नहीं है। इनको देश की तरक्की व विकास से कोई लेना देना नहीं है, सपा सरकार में रिवर फ्रंट बना था इसके जरिये गोमती नदी को सुंदर व साफ करने के लिए बनाया गया था लेकिन आज उसकी दुर्दशा किसी से छुपी नहीं है। गोमती नदी का पानी अगर कोई मंत्री पी ले तो बीमार पड़ जाए। सपा प्रवक्ता ने कहा कि जो करोडों पौधे पहले लगाए गए थे उनका क्या हुआ। यह सरकार पेपर पर काम करने वाली जुमलेबाजी और झूठ बोलने वाली सरकार है।
अबतक पूरा प्रदेश वृक्षों से भर जाना चाहिए- वरिष्ठ पत्रकार
उधर वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी का कहना है कि हर सरकार में रिकॉर्ड टूटते रहते हैं लेकिन पौधारोपण के नाम पर भ्रष्टाचार भी व्यापक होता है। उन्होंने कहा कि जब से वृक्षरोपण अभियान शुरू हुआ है उससे तो पूरा प्रदेश वृक्षों से भर जाना चाहिए। लेकिन क्यों बारबार वृक्षरोपण की जरूरत पड़ रही है। कहीं ना कहीं ये इस बात का प्रमाण है कि करोड़ों की संख्या में पौधे लगाए जाते हैं और करोड़ों का घोटाला भी होता है। जो पौधे लगाए जाते है उनका रखरखाव भी नहीं होता है। वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि जब तक इसपर अंकुश नहीं लगेगा तब तक कुछ नहीं हो सकता है।
5 साल में लगाए जाएंगे 35 करोड़ पौधे
बता दें, पिछले साल की तरह इस बार भी 35 करोड़ पौधों को लगाया जाएगा। इसमें राष्ट्रीय वृक्ष बरगद के साथ देशज पौधे पीपल, पाकड़, नीम, बेल, आंवला, आम, कटहल और सहजन जैसे औषधीय पौधों को वरीयता दी जाएगी। प्रदेश के अलग-अलग जिलों के लिए चिन्हित 29 प्रजाति और 943 विरासत वृक्षों को केंद्र में रखकर पौधरोपण का अभियान चलेगा। वहीं पौधरोपण के लिए वन विभाग व उसकी देखरेख में कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की नर्सरियों में करीब 54 करोड़ स्वस्थ्य पौधे तैयार हैं। पौधरोपण की नोडल एजेंसी वन विभाग की निगरानी में सरकार के 27 विभाग मिलकर रिकॉर्ड पौधरोपण के इस अभियान को सफल बनाएंगे। संबंधित विभागों को कितना पौधरोपण करना है, इसका लक्ष्य पहले से तय है।