रायपुर: 18 मई 2025
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग के सचिव को ज्ञापन सौंपते हुए आरटीई (निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा अधिकार) के तहत भर्ती बच्चों की बकाया प्रतिपूर्ति राशि को तत्काल जारी करने सहित कई अहम मुद्दों पर अपनी मांगें रखीं। संगठन ने बताया कि वर्तमान में प्रदेशभर के निजी स्कूलों को लगभग 300 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बकाया है।
ज्ञापन में यह भी बताया गया कि विगत 12 वर्षों से आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है। स्कूल संगठन की मांग है कि प्राथमिक कक्षाओं के लिए राशि 7,000 से बढ़ाकर 15,000, माध्यमिक के लिए 11,500 से बढ़ाकर 18,000 तथा हाई व हायर सेकंडरी की राशि 15,000 से बढ़ाकर 25,000 की जाए।
इसके साथ ही संगठन ने शैक्षणिक बसों की संचालन अवधि को 12 से बढ़ाकर 15 वर्ष करने की मांग की है। उनका कहना है कि शैक्षणिक उपयोग की बसें व्यावसायिक बसों की तुलना में कम चलती हैं और उनमें सुरक्षा के अधिक प्रावधान होते हैं, ऐसे में उनके लिए भी 15 वर्षों तक संचालन की अनुमति दी जाए।
ज्ञापन में बसों में लगाए जाने वाले जीपीएस और पैनिक बटन की कीमतों को लेकर भी आपत्ति जताई गई है। संगठन ने कहा कि ये उपकरण बाजार में 3500-4000 रुपये में उपलब्ध हैं, लेकिन कंपनियों द्वारा इन्हें 13,500-14,000 रुपये में जबरन थमाया जा रहा है, जिसे उन्होंने लूट करार दिया। उन्होंने इस कीमत को तय कर विद्यालयों को उपकरण उपलब्ध कराने की मांग की है।
संगठन ने यह भी बताया कि आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों को पाठ्यपुस्तक, गणवेश व लेखन सामग्री उपलब्ध कराने के मामले में उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका क्रमांक WPC: 5365/2021 दाखिल की थी, जिसमें 14 सितंबर 2022 को न्यायालय ने शिक्षा विभाग के आदेशों के क्रियान्वयन पर स्थगन आदेश (स्टे) जारी किया था। संगठन की मांग है कि अंतिम निर्णय तक किसी भी विद्यालय पर कार्रवाई न की जाए और इसके लिए विधिवत आदेश जारी किया जाए।
ख़बरें और भी… https://whatsapp.com/channel/0029VaSGTZ1Lo4hYCjY45G2q दिए गए लिंक पर क्लिक हमसे जुड़ें और अपने आस पास की ख़ास ख़बरों के प्रकाशन के लिए 99934-54909 पर संपर्क कर सकतें हैं |