मुंबई/पुणे से विशेष रिपोर्ट: फिर से दस्तक दे रहा है कोरोना – कितना तैयार है महाराष्ट्र ?

मुंबई, पुणे: 20 मई 2025
कोरोना वायरस का नाम सुनते ही आज भी कई लोगों के चेहरे पर डर की लकीरें खिंच जाती हैं। 2020 और 2021 के भयानक दौर ने न जाने कितने परिवारों को झकझोर कर रख दिया था। किसी ने अपनों को खोया, तो किसी ने अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी को बिखरते देखा। दो साल की इस महामारी ने जो मानसिक, सामाजिक और आर्थिक प्रभाव छोड़ा, वह आज भी लोगों की यादों में ताज़ा है। और अब एक बार फिर से कोविड वायरस की चर्चा ने चिंताओं को हवा दे दी है। मुंबई के केईएम अस्पताल में दो मरीजों की मौत और उनका कोविड पॉजिटिव पाया जाना चर्चा का विषय बन गया है। हालाँकि, अस्पताल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोनों की मौत कोविड से नहीं बल्कि अन्य बीमारियों से हुई है, फिर भी यह सवाल उठने लगा है – क्या हम एक बार फिर कोरोना की लहर के लिए तैयार हैं?

बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) द्वारा संचालित केईएम अस्पताल में जिन दो मरीजों की मृत्यु हुई है, वे कोविड पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें से एक 14 वर्षीय किशोरी थी, जिसे गंभीर किडनी रोग था, और दूसरी एक 59 वर्षीय महिला थी, जिसे कैंसर था। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इन दोनों मरीजों के फेफड़ों में कोरोना वायरस का कोई खास प्रभाव नहीं देखा गया और उनमें संक्रमण के लक्षण भी बहुत हल्के थे। कोविड टेस्ट तो मरीजों की मौत के बाद नियमित प्रक्रिया के तहत किए गए थे। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि यह केवल एक सांयोगिक मामला है और इसे कोविड की लहर की शुरुआत मानना जल्दबाज़ी होगी। BMC के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि आमतौर पर एक महीने में 8 से 9 कोविड पॉजिटिव केस सामने आते हैं। लेकिन हाल के दिनों में मौसम में हुए बदलाव के चलते यह संख्या थोड़ी बढ़ी है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन सतर्क रहने की ज़रूरत है।

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महाराष्ट्र में फिलहाल कोई खतरा नहीं: विशेषज्ञों की राय

नायर अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. राजेश डेरे ने कहा है,“वर्तमान में जो कोरोना वायरस है वह अधिकतर विदेशों में पाया जा रहा है। हमारे देश और खासकर महाराष्ट्र में इसका कोई व्यापक असर नहीं है। फिर भी सतर्कता बरतना जरूरी है।” उनका सुझाव है कि लोगों को मास्क का उपयोग करना चाहिए, विशेषकर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाते समय। साथ ही, नियमित रूप से हाथ धोना और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।

BMC की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने कहा: “मई महीने में मरीजों की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है, लेकिन लक्षण हल्के हैं। घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। जो लोग कमजोर इम्यून सिस्टम से जूझ रहे हैं या पहले से बीमार हैं, उन्हें सावधानी रखनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि बुजुर्ग, गंभीर रोगों से ग्रस्त लोग और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले नागरिक भीड़ से बचें, मास्क पहनें और स्वास्थ्य में किसी भी तरह के बदलाव को नज़रअंदाज़ न करें।

पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. कपिल जिरपे ने कहा, “कोविड के नए वेरिएंट आते रहेंगे। घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। यह वायरस सर्दी-खांसी की तरह ही है। वर्तमान में जो नया वायरस है, वह ओमिक्रॉन का ही अपडेटेड वर्जन हो सकता है।” उन्होंने कहा कि कई देश इस समय जांच ज़्यादा कर रहे हैं, इसीलिए वहां केस ज्यादा मिल रहे हैं। हमारे यहां भी यही होगा अगर जांचें बढ़ाई जाती हैं।

आईएमए महाराष्ट्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे ने बताया, “भारत फिलहाल स्थानिक (एंडेमिक) स्थिति में है, जहां कोविड कुछ क्षेत्रों तक सीमित है। यह नया वेरिएंट न तो बहुत घातक है, न ही अत्यधिक संक्रामक।” उन्होंने यह भी कहा कि कोविड के ख़िलाफ़ टीकाकरण अब बंद हो चुका है और नए वेरिएंट्स पर विशेष दवाओं का विकास भी नहीं हुआ है। ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है।

महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने बताया कि “स्वास्थ्य विभाग और BMC मिलकर संयुक्त बैठक करेंगे, जिसमें वर्तमान स्थिति का जायजा लिया जाएगा और ज़रूरत के हिसाब से नई रणनीतियाँ तय की जाएंगी।” यह बैठक इस बात पर केंद्रित होगी कि लोगों को कैसे सुरक्षित रखा जाए और कोरोना की किसी भी संभावित लहर से पहले कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं।

समाज की भूमिका और अफवाहों से बचाव

डॉ. जिरपे ने यह भी कहा कि “भारत में इस वक़्त जितनी चर्चा हो रही है, उतनी हांगकांग, सिंगापुर या थाईलैंड में नहीं है। हमें इस वायरस के साथ जीने की आदत डालनी होगी। अगर किसी को सर्दी-जुकाम या बुखार है, तो उसे मास्क पहनकर दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें, बल्कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

महाराष्ट्र में कोविड संक्रमण की स्थिति अभी नियंत्रण में है। विशेषज्ञों और प्रशासन का कहना है कि घबराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन जागरूकता और सतर्कता बेहद आवश्यक है। हमें अपने अनुभवों से सीखते हुए आगे बढ़ना है। जीवन रुकना नहीं चाहिए, लेकिन इसे सुरक्षित और जिम्मेदारी से जीना होगा।

सावधानी के 5 मूल मंत्र:

  1. भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
  2. हाथों की सफाई का ध्यान रखें।
  3. किसी भी लक्षण पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
  4. अफवाहों पर ध्यान न दें।
  5. कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वालों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
  6. यह समय डर का नहीं, जागरूकता का है। एकजुट होकर ही हम इस नई चुनौती से निपट सकते हैं।

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