जम्मू-कश्मीर : 21 मई 2025
जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में भारत की सैन्य तैयारी एक नए मुकाम पर पहुंच चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर T-72 टैंकों की तैनाती कर दी है। यह तैनाती भारत की आक्रामक रक्षा नीति और किसी भी प्रकार की घुसपैठ को रोकने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
T-72 टैंकों की तैनाती: एलओसी पर नई रणनीतिक चाल:
भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत T-72 टैंकों की तैनाती एक बेहद अहम कदम है। ये टैंक 125 मिमी की शक्तिशाली तोपों और 4,000 मीटर तक मार करने वाली मिसाइल क्षमताओं से लैस हैं। टैंक युद्ध की स्थितियों में बेहद घातक माने जाते हैं और आमतौर पर ऐसे इलाकों में इनकी तैनाती दुर्लभ होती है, जहां पहाड़ी और खतरनाक भौगोलिक स्थितियां होती हैं।
T-72 के साथ-साथ BMP-2 बख्तरबंद गाड़ियाँ भी अग्रिम मोर्चे पर तैनात की गई हैं ताकि घुसपैठ के सभी संभावित रास्तों को पूरी तरह सील किया जा सके। यह तैनाती दर्शाती है कि भारतीय सेना अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि प्रतिकारात्मक व जवाबी रणनीति अपना चुकी है।
ऑपरेशन सिंदूर: फिलहाल रोका गया, पर समाप्त नहीं
सेना अधिकारियों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर को औपचारिक रूप से समाप्त नहीं किया गया है, बल्कि इसे फिलहाल रोका गया है। 10 मई के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ कोई ताजा सैन्य कार्रवाई नहीं हुई है, लेकिन भारतीय सैनिक 24×7 निगरानी व्यवस्था में पूरी तरह सतर्क हैं। सेना का यह रवैया स्पष्ट करता है कि अगर दुश्मन फिर से हरकत करता है तो भारत पलटवार के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारतीय वायुसेना का सख्त संदेश
इस ऑपरेशन के बीच भारतीय वायुसेना ने भी पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। एयर डिफेंस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान ने ANI से बातचीत में कहा कि भारत के पास इतनी ताकत है कि वह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकता है। उन्होंने कहा: “चाहे पाकिस्तानी सेना अपना मुख्यालय रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा तक कहीं भी शिफ्ट कर ले, वह हमारी रेंज से बाहर नहीं होगा।” इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय वायुसेना किसी भी आपात स्थिति में निर्णायक जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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सीजफायर उल्लंघन का करारा जवाब
सेना द्वारा साझा किए गए एक वीडियो के अनुसार, 7-8 मई की रात पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया, जिसका भारतीय सेना ने तत्काल और मुंहतोड़ जवाब दिया। सेना पहले से सतर्क थी और पाकिस्तान की फायरिंग पैटर्न को समझते हुए कुछ ही सेकंड में जवाबी कार्रवाई की गई। जवाबी हमले में पाकिस्तानी पोस्ट, बंकर और लॉन्चिंग पैड्स तबाह कर दिए गए। इसके लिए भारतीय जवानों ने मीडियम मशीन गन (MMG) का उपयोग किया, जिससे दुश्मन की पोस्टों पर जबरदस्त हमला किया गया।
नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाना शुरू किया पाकिस्तान ने
जब पाकिस्तानी सेना भारतीय जवाबी हमलों का सामना नहीं कर सकी, तो उन्होंने कायराना हरकत करते हुए भारतीय नागरिक इलाकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है और पाकिस्तान की नियंत्रणहीन बौखलाहट को दर्शाता है। पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन भी भारतीय सेना ने मार गिराए। ये ड्रोन पाकिस्तान द्वारा ऑपरेट नहीं किए जा रहे थे, बल्कि दूसरे देश से आए थे, जिनका संचालन पाकिस्तानी सैनिकों के लिए चुनौतीपूर्ण था।
एलओसी पर सुरक्षा चाकचौबंद
अब LoC पर कंटीली तारों वाली सीमा को और अधिक मजबूत कर दिया गया है। घुसपैठ के रास्तों पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, नाइट विजन कैमरे, ग्राउंड सेंसर और उच्च क्षमता वाले थर्मल इमेजिंग उपकरण लगाए गए हैं। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारतीय सेना का मनोबल ऊँचाई पर है। जवान हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। भारत अब सिर्फ जवाब देने वाला नहीं, बल्कि पहले से तैयार और चौकस राष्ट्र है।
ऑपरेशन सिंदूर न केवल पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश है, बल्कि यह भारत की नवीन रक्षा नीति का संकेत भी है जिसमें आक्रामक और सक्रिय जवाबी रणनीति अपनाई जा रही है। T-72 टैंकों की अग्रिम मोर्चे पर तैनाती, वायुसेना की धमक और सीमा पर हाईटेक निगरानी—सब मिलकर यह दर्शाते हैं कि भारत अब किसी भी हमले का जवाब देने में संकोच नहीं करेगा।एलओसी पर भारतीय सेना की यह मुस्तैदी देश की सुरक्षा, संप्रभुता और नागरिकों की रक्षा के लिए अद्वितीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
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