रायपुर : 23 मई 2025
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका से आज राजभवन में छत्तीसगढ़ सर्कल के आंचलिक प्रमुख अभिषेक सिंह ने सौजन्य भेंट की। यह मुलाकात मुख्य रूप से पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और जनहित के व्यापक सरोकारों पर केंद्रित रही। इस अवसर पर अभिषेक सिंह ने राज्यपाल को आगामी 5 जून 2025 को रायपुर में आयोजित होने वाली ‘विश्व पर्यावरण दिवस जागरूकता मैराथन’ की जानकारी दी और उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का औपचारिक निमंत्रण भी सौंपा।
अभिषेक सिंह ने अवगत कराया कि यह आयोजन केवल एक मैराथन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसमें वृक्षारोपण अभियान, सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर जनसंवाद, जल संरक्षण पर कार्यशालाएं, तथा स्थानीय समुदायों की सहभागिता वाले कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इस व्यापक पहल का उद्देश्य प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना और आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ, हरित और सुरक्षित भविष्य देना है।
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राज्यपाल रमेन डेका ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। ऐसे आयोजनों से जनभागीदारी को बल मिलता है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन आता है। उन्होंने आयोजन समिति को अपने पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए इसमें सहभागिता की सैद्धांतिक सहमति भी प्रदान की। राज्यपाल ने आगे कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास की दौड़ में प्रकृति का संतुलन न बिगड़े। वृक्षारोपण, कचरा प्रबंधन, जल संरक्षण और स्वच्छता जैसे विषयों पर सतत प्रयास ही भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य की नींव रख सकते हैं।
इस अवसर पर संस्था के सदस्य अतुल सिंह और संजय पॉल भी उपस्थित रहे। उन्होंने राज्यपाल को कार्यक्रम के अन्य पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि यह आयोजन युवाओं, छात्रों, सामाजिक संगठनों, पर्यावरणविदों और आम नागरिकों को एक साझा मंच प्रदान करेगा।
यह भी बताया गया कि जागरूकता मैराथन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से प्रतिभागी शामिल होंगे और इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का एक मजबूत संदेश पूरे प्रदेश में प्रसारित किया जाएगा। इस आयोजन में विद्यालय, कॉलेज, खेल संघ, स्वयंसेवी संस्थाएं और प्रशासनिक अधिकारी भी भाग लेंगे। राज्यपाल डेका ने आयोजन को जन-आंदोलन का रूप देने का सुझाव देते हुए कहा कि, “पर्यावरण संरक्षण केवल एक दिन की पहल न बनकर जीवनशैली का हिस्सा बनना चाहिए।
राजभवन में संपन्न यह मुलाकात पर्यावरण सरोकारों को एक नई दिशा देने का संकेत बनकर उभरी है और यह प्रयास आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को हरित राज्य बनाने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
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