भारत के ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के जवाब में पाकिस्तान का प्रतिक्रिया नाटकीय, 31 लोगों की मौत का दावा…

इस्लामाबाद/नई दिल्ली : 07 मई 2025 (दिल्ली डेस्क )

भारत द्वारा हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद उपजे तनावपूर्ण हालातों के बीच पाकिस्तान ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं और प्रतिक्रिया स्वरूप तमाम दावे किए हैं, जिनमें 31 लोगों की मौत और 51 के घायल होने की बात कही गई है। यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध स्वरूप किया गया था, जिसमें भारत के 26 नागरिक मारे गए थे।

शहबाज शरीफ की “मुंहतोड़ जवाब” की चेतावनी:

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को देश के नाम एक आक्रामक भाषण में कहा कि, “हम इन शहीदों के खून की एक-एक बूंद का बदला लेंगे। पाकिस्तान मुंहतोड़ जवाब देना जानता है।” उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना, वायुसेना और नौसेना पूरी तरह तैयार थी और “त्वरित प्रतिक्रिया” के तहत भारत को नुकसान पहुँचाया गया। हालांकि, उन्होंने अपने दावों के समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं दिए। उनके अनुसार पाकिस्तान ने भारत के पाँच लड़ाकू विमानों को मार गिराया, जिनमें राफेल जैसे अत्याधुनिक विमान भी शामिल थे। उन्होंने दो भारतीय ड्रोन गिराने का भी दावा किया।

80 विमानों से हमले का दावा, लेकिन सबूत नदारद:

शहबाज शरीफ ने संसद में भाषण के दौरान दावा किया कि भारत ने करीब 80 विमानों से हमला करने की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली ने खतरे को निष्प्रभावी बना दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तानी वायुसेना को भारत की मंशा की पहले से खुफिया जानकारी थी और इसी वजह से वह समय रहते तैयार हो सकी। प्रधानमंत्री शरीफ ने पाकिस्तान की सैन्य ताकत की सराहना करते हुए कहा, “हमारे सशस्त्र बल 24×7 हाई अलर्ट पर हैं। हमने राफेल विमानों की संचार प्रणाली को जाम कर दिया और दुश्मन की योजना को विफल कर दिया।

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पाकिस्तानी सेना का बयान: भारत के हमलों में 31 मरे, 51 घायल:

पाकिस्तानी सेना ने बुधवार सुबह जारी किए गए बयान में दावा किया कि भारत द्वारा दागी गई मिसाइलों से पाकिस्तान के बहावलपुर, मुरीदके, और कब्जे वाले कश्मीर के कई हिस्सों में नौ आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के केंद्र शामिल थे। पाक सेना के प्रवक्ता ने दावा किया कि इन हमलों में कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है और 51 लोग घायल हैं। हालांकि पाकिस्तान यह मानने को तैयार नहीं है कि ये ठिकाने आतंकवादियों के थे। सेना का कहना है कि यह हमला “बिना उकसावे वाली आक्रामकता” है।

भारत ने क्या किया था ऑपरेशन सिंदूर में?

भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर में एक समन्वित मिसाइल हमला किया गया, जो विशेष रूप से पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अड्डों को निशाना बनाकर किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले का प्रतिशोध लेना था।

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को हुए इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसके बाद भारत सरकार ने उच्चस्तरीय बैठकों के बाद जवाबी कार्रवाई करने का निर्णय लिया। इस ऑपरेशन को नाम दिया गया “सिंदूर”, जो कि भारत की निर्णायक सैन्य नीति का प्रतीक बन गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की आपात बैठक:

शहबाज शरीफ ने हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई, जिसमें सेनाध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्रियों समेत उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि भारत की यह कार्रवाई “अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन” है और पाकिस्तान इसका राजनयिक स्तर पर विरोध करेगा। बयान में भारत पर “आक्रामकता” दिखाने और बातचीत के बजाय युद्ध को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया गया। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस घटना की स्वतंत्र जांच की मांग करेगा।

विदेश मंत्री इशाक डार का संयम का संदेश:

पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत के “हमले” के बावजूद पाकिस्तान ने संयम का परिचय दिया। उन्होंने कहा, “हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन अगर हमारी संप्रभुता को चुनौती दी गई तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”

भारत की प्रतिक्रिया: “आतंकवाद पर शून्य सहिष्णुता”

भारत सरकार की ओर से इस संबंध में औपचारिक बयान जारी नहीं हुआ है, लेकिन रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह एक “सर्जिकल और लक्ष्य आधारित” सैन्य कार्रवाई थी जिसका उद्देश्य आतंकी ढांचों को खत्म करना था। भारत ने पहले ही स्पष्ट किया है कि उसकी नीति है “आतंकवाद के विरुद्ध शून्य सहिष्णुता”।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा:

अभी तक किसी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय शक्ति की प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनयिक हलकों में हलचल तेज है। माना जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर युद्ध जैसे हालात बन गए हैं, और संयुक्त राष्ट्र सहित वैश्विक संस्थाएं मध्यस्थता की संभावनाओं पर नजर बनाए हुए हैं।

विश्लेषण: क्या यह फिर से बालाकोट जैसा परिदृश्य है?

विशेषज्ञ इस घटनाक्रम की तुलना 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक से कर रहे हैं, जब भारत ने पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया था। ऑपरेशन सिंदूर उसी कड़ी का अगला पड़ाव प्रतीत हो रहा है, जिसमें भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के विरुद्ध सैन्य विकल्प को चुना है। पाकिस्तान के दावों और जवाबी कार्रवाई की वास्तविकता क्या है, यह आने वाले दिनों में उपग्रह चित्रों, खुफिया रिपोर्ट्स और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया से स्पष्ट हो सकेगा।

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