गरियाबंद : 19 मई 2025
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुरक्षा बलों को गरियाबंद जिले के गौरमुंड गांव के जंगलों में बड़ी सफलता हाथ लगी है। रविवार को जिला बल और 65 बटालियन सीआरपीएफ की एफ कंपनी की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन के दौरान माओवादियों द्वारा लगाए गए 5 किलो वज़न के दो इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) बरामद किए, जिन्हें बम निरोधक दस्ते (बीडीएस) ने मौके पर ही सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बस्तर अंचल के साथ-साथ गरियाबंद जिले में भी नक्सल उन्मूलन अभियान को लेकर सुरक्षा बल सक्रिय हैं। इसी अभियान के अंतर्गत रविवार को जिला बल और सीआरपीएफ की 65वीं बटालियन की एफ कंपनी की टीम थाना मैनपुर क्षेत्र के गौरमुंड गांव के जंगलों में संभावित नक्सली मूवमेंट की सूचना पर निकली थी। सहायक कमांडेंट सुधीर कुमार के नेतृत्व में टीम ने गहन सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
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सर्चिंग के दौरान माओवादियों द्वारा सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से जंगल में अलग-अलग स्थानों पर छिपाए गए दो प्रेशर कुकर बम (IED) बरामद हुए। प्रत्येक IED का वजन 5 किलो था। बम निरोधक दस्ते ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दोनों बमों को सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
नक्सली सामग्री भी बरामद
सिर्फ बम ही नहीं, जंगल की तलाशी के दौरान सुरक्षाबलों को सोलर प्लेट, विद्युत तार, बर्तन और अन्य नक्सली गतिविधियों से जुड़ी सामग्री भी बरामद हुई है। इससे स्पष्ट होता है कि माओवादी उस क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को संचालित करने की कोशिश में थे।
नक्सलगढ़ जगरगुंडा में खुला बैंक, 12 गांवों को मिलेगा लाभ
इसी दिन नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा के जगरगुंडा में विकास की एक नई शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने वर्चुअल माध्यम से इंडियन ओवरसीज बैंक की नई शाखा का उद्घाटन किया। इस बैंक के खुलने से क्षेत्र के लगभग 12 गांवों के करीब 16,000 लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। लंबे समय से इन गांवों में बैंकिंग सुविधा का अभाव था, जिससे लोगों को छोटी-छोटी वित्तीय जरूरतों के लिए भी दूर-दराज के इलाकों में जाना पड़ता था।
मुख्यमंत्री ने इसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की “विकास और विश्वास” की नीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि – “जहां पहले बंदूक और भय का राज था, वहां अब विकास की रोशनी पहुंच रही है।”
सुरक्षा और विकास साथ-साथ
गरियाबंद और सुकमा की ये दो घटनाएं दर्शाती हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षा एजेंसियां एक साथ दो मोर्चों पर काम कर रही हैं — एक ओर नक्सलियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है, तो दूसरी ओर उन क्षेत्रों में विकास और बुनियादी सुविधाओं की स्थापना की जा रही है जिन्हें अब तक उपेक्षित माना जाता था।
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