दुर्ग जिले में बाढ़ राहत और आपदा प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित; 1 जून से 24 घंटे सक्रिय रहेगा कंट्रोल रूम…

दुर्ग : 24 मई 2025

आगामी मानसून सत्र के दौरान संभावित भारी वर्षा और बाढ़ की आशंका को देखते हुए दुर्ग जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को कलेक्टर सभाकक्ष में बाढ़ राहत एवं आपदा प्रबंधन को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता अपर कलेक्टर विरेन्द्र सिंह ने की। बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि बाढ़ से निपटने हेतु समय रहते हर स्तर पर तैयारी सुनिश्चित करें। अपर कलेक्टर ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई गई है, ऐसे में सभी तहसीलों एवं नगरीय निकायों में कंट्रोल रूम की शीघ्र स्थापना आवश्यक है।

बाढ़ संभावित क्षेत्रों में अस्थायी राहत शिविरों की अग्रिम पहचान कर उनमें भोजन, चिकित्सा, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को ग्राम स्तर पर राहत टीमों के गठन और पुनर्वास कार्य के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दिए गए।

1 जून से 31 अक्टूबर तक 24 घंटे कार्य करेगा कंट्रोल रूम

जिले में बाढ़ नियंत्रण कक्ष 1 जून से सक्रिय किया जाएगा, जो 31 अक्टूबर 2025 तक 24 घंटे कार्य करेगा। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम का दूरभाष नंबर 0788-2320601 जारी किया गया है। नियंत्रण कक्ष की निगरानी के लिए संयुक्त कलेक्टर लता युगल उर्वशा (मो. 9584322227), अधीक्षक भू-अभिलेख आदित्य कुंजाम (मो. 9981584877), तहसीलदार दुर्ग प्रफुल्ल कुमार गुप्ता (मो. 7049510326), तहसीलदार धमधा टी.एस. खरे (मो. 9131534309) और तहसीलदार पाटन मीना साहू (मो. 9981283344) को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

तहसील स्तर पर संबंधित तहसीलदार ही कंट्रोल रूम प्रभारी होंगे। होमगार्ड कंट्रोल रूम से संपर्क के लिए दूरभाष नंबर 0788-2320121 और 0788-2320120 भी उपलब्ध रहेंगे।

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वर्षामापी यंत्रों की जांच के निर्देश

बैठक में सभी विकासखंडों में स्थापित वर्षामापी यंत्रों की कार्यप्रणाली की जांच के निर्देश दिए गए। खराब यंत्रों की तत्काल मरम्मत कराने और वर्षा के आंकड़ों की समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को कहा गया।

बाढ़ संभावित क्षेत्रों के लिए मछुआरों की सूची तैयार करने और उनकी नावों की जानकारी कंट्रोल रूम में संधारित करने के निर्देश दिए गए हैं। मोटर बोट, बांस, ड्रम, बल्ली और गोताखोरों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया। जिला सेनानी नगर सेना को मॉक ड्रिल आयोजित करने और बचाव सामग्री की तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य, कृषि और विद्युत विभागों को विशेष निर्देश

अपर कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी अस्पतालों में पर्याप्त जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध रहें और किसी भी चिकित्सालय में डॉक्टर की कमी न हो। मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही, विद्युत विभाग को शिविरों में सतत बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं वायरिंग की सुव्यवस्था बनाए रखने को कहा गया। नगर पालिका और जनपद अधिकारियों को विद्युत खंभों के पास पेड़ों की छंटाई करवाने के निर्देश भी दिए गए।

अपर कलेक्टर श्री सिंह ने निर्देशित किया कि नदी किनारे बसे लोगों को पहले से ही सुरक्षित स्थानों पर व्यवस्थित किया जाए, ताकि बाढ़ के समय जान-माल की हानि से बचा जा सके। उन्होंने सभी शासकीय दो मंजिला या उससे ऊँचाई वाले भवनों पर तड़ित चालक लगाए जाने की व्यवस्था करने को भी कहा।

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